बहन निर्मला सीतारमण
माननीय वित्तमंत्री
भारत सरकार
नई दिल्ली
आदरणीय बहन,
विषय: लंगभग 5 माह पूर्व बैंक पेंशनर्स के सम्बन्ध में आपके द्वारा दिए गये
भरोसे पर आपके आज के विचारों के सम्बन्ध में ......
आपके विचारार्थ और आवश्यक कार्यवाई हेतुएहमें निम्नलिखित बातें कहनें की अनुमति दें |
बैंक पेंशनर्स या उनकी प्रतिनिधि यूनियनें आपको सीधे या आपके मंत्रिमंडल के सहयोगियों या पार्लियामेंट के माननीय सदस्यों या अन्य सार्वजनिक शख्सियतों के माध्यम से अपने प्रतिवेदन भेजते हैं। जाहिर है पेंशन स्कीम की जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको प्रतिवेदन नहीं भेजे जाते बल्कि पेंशन पुनरीक्षण जो जब से लागू हुई है कभी एक बार भी रिवाइज नहीं हुई है की शिकायत में आपके हस्तक्षेप और कार्रवाई की मांग के लिए होते हैं।
आदरणीय श्री डीण्वीण् सदानंद गावडा जी के डीओ लेटर दिनांक 2-2-21 जिसके साथ किसी रिटायरी संगठन का प्रतिवेदन संलंग्न थाए के उत्तर में आपका पत्र दिनांक 11-3-2021 प्रतिवेदन में उल्लिखित शिकायत के समाधान के बजाय आपने बहुत ही प्रोटोटाइप उत्तर दिया जो निम्नवत है
"--- Pension is a funded scheme in Public Sector Banks (PSBs) was introduced on the basis of agreement arrived at between representative of Bank Unions and the Indian Banks' Association(IBA) negotiating on behalf of participating banks] based on which Bank Boards framed the Employees Pension Regulations that govern the fixation of pension and family pension to PSB retirees- Therefore your letter has been forwarded to IBA for action as appropriate-"
आपका उत्तरए IBA बैंकर्सए DSF, MOF आदि के किसी भी अन्य उत्तर सेए अलग नहीं है। यदि विभिन्न अधिकारियों द्वारा इस तरह के प्रोटोटाइप उत्तरों को एक साथ रखा जाएए तो यह निश्चित रूप से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में एक स्थान प्राप्त करेगा। किसी भी एक विषय मेंए इतिहास में ऐसा कोई भी सामान्य लिखित उत्तरएआपको इतनी गिनती में नहीं मिलेगा।
आपने अपने उत्तर में पेंशन का आधार बनाने वाले ष्समझौतेष् का उल्लेख किया है।दिनांक 29-10-1993 को उक्त समझौता भारतीय विवाद अधिनियमए1947 की धारा 2 -पी और 18 -1 के साथ पठित आई. डी. -केंद्रीय नियम1957 के अंतर्गत है। यह अभी भी लागू है। इस समझौते का खंड 12 इस प्रकार है:-
"12- Provisions will be made by a scheme] to be negotiated and settled between the parties to this Settlement by 31st December] 1993 for applicability] qualifying service] amounts of pension] payment of pension] commutation of pension]family pension] updating and other general conditions] etc- on the lines as are in force in Reserve Bank of India-"
प्रश्नगत मुद्दा यह है कि जिस अनुबंध का आपने उल्लेख किया हैए उसकी शर्तों का बैंकों द्वारा अनुपालन नहीं किया जा रहा है। RBI में पेंशन को 1-3-2019 से संशोधित किया जा चुका है। ।अन्य बैंक पेंशनर्स वही चाहते हैं जिसके लिए वे उपर्युक्त समझौते के खंड 12 के अनुसार हकदार हैं। इसे कौन देखेगा ऐसी परिस्थितियों में बैंक पेंशनर्स को किससे संपर्क करना चाहिए सार्वजनिक बैंकें आपके मंत्रालय के प्रशासनिक अधिकार में आतीं हैं। यही कारण है कि पेंशन के पुनरीक्षण के लिए बैंक पेंशनर्स आपके मंत्रालय की कतार में खड़े हैं। आशा है आपको याद होगा आपने अपने 30-10-2020 के साक्षात्कार और आइबीए के एजीएम् के की.नोट संबोधन में बैंक पेंशनरों की कठिनाइयों को आधार बनाया था। ऐसा प्रतीत होता है कि महज 5 महीने के भीतर आपके साक्षात्कार/की-नोट संबोधन और संदर्भित पत्र के बीच विस्तृत वैचारिक खाई हो गई है। यदि आप जैसी बहुमुखी प्रतिभाशाली माननीय कैबिनेट मंत्री बैंकरों के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार को आकस्मिक तरीके और उदासीनता से लेंगी तो 4.5 लाख पीड़ित बैंक पेंशनरों को आश्रय देने की उम्मीद किससे की जा सकती है| आप पूर्व बैंकरों की दुर्दशा से पूरी तरह अवगत हैं। आप उन्हें हल करने से न बच सकतीं हैं और न भाग सकतीं हैं। आप पूर्व बैंकरों की देखभाल करने के लिए नैतिक रूप से और आप में विहित संवैधानिक दायित्व से बंधीं हुईं हैं। इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया बिना विलंब के पेंशन संशोधन सुनिश्चित करें। यह पेंशनरों का हक हैं जो उन्हें मिलना ही चाहिए |
दिनांक : 17.3.2021
भवदीय
(जे.एन.शुक्ला)
राष्ट्रीय कन्वेनर
आफ बैंक पेंशनर एक्टिविस्टस्
आल इंडिया बैंक रिटायरिज वेलफेयर एसो. पंजी.